सबसे कठिन यम सल्लेखना मे लीन हुए दिगंबर संत मुनि श्री चिन्मय सागर जी महाराज जंगल वाले बाबा


 


दिगंबर संत चिन्मय सागर जी महराजश्री (जंगल वाले बाबा )की समाधि अभी अभी हुई


अभी अभी शाम ६.२१ बजे जंगल वाले बाबा मुनि श्री चिन्मय सागर जी महाराज की उनके जन्म स्थान जुगुल गाँव में हो गयी हमें भी अंतिम समय में कमरे में प्रकाश जी मोदी सुमनलता भाभी व उनके भाई भाभी व पुत्र अभिषेक भैया के साथ कमरे में दर्शन का लाभ मिला जय हो मुनि श्री चिन्मय सागर जी महाराज की अब वो देव बन चुके होंगे जमनालाल जैन हपावत मुंबई


महराजश्री की समाधि साक्षात देखने का एवं उनके आखिरी बार चरण छूने का सौभाग्य मिला... जय हो जंगल वाले बाबा की प.श्रेयश जैन


 


पहले से ही जानते थे जंगल वाले बाबा कि उनका देवलोक गमन कब होगा


 जंगल वाले बाबा कई भाषाओं के ज्ञानी थे 
एवं कई भाषाओं में प्रवचन देते थे


जंगल में रहते थे जंगल वाले बाबा


 जंगल वाले बाबा के चरणों में शेर चीता भालू हाथी सांप आदि सब बैठते थे


समाज को पारस चैनल जैसा चैनल देकर अन्य धर्मों को भी सीख दी धर्मों के चैनल स्थापित करने की


पिछले 1 वर्ष से बीमार होने के बावजूद भी जंगल वाले बाबा ने कोई दवाई नहीं ली और सल्लेखना में लीन हुए


अंतिम समय में सबसे कठिन सल्लेखना यम सल्लेखना लेकर अपने आपको प्रभु में लीन किया


हजारों भक्तों के बीच में यम सल्लेखना हुई महाराज श्री की


कई संतों के बीच में रहकर यम सल्लेखना पूर्ण महाराज श्री की


जंगलों में घोर एवं कठिन तपस्या करते थे जंगल वाले बाबा कई बार तो कई कई दिनों तक जंगल से गांव में भी नहीं आ पाते थे जंगल वाले बाबा जब गांव वाले और समाज वालों को चिंता होती थी तो बाबा को संपूर्ण समाज ढूंढने जाता था और पाता था कि बाबा ध्यान में लीन हैं एवं तपस्या कर रहे हैं



शनिवार 19 अक्टूबर की सुबह 6:30 बजे से ही मुनि श्री के अंतिम दर्शन का लाभ प्रारंभ हो जाएगा महाराजा के प्रवचन के पश्चात जंगल वाले बाबा का डोला निकलेगा जो शहर के प्रमुख मार्ग होता हुआ पहुंचेगा


आचार्य विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य थे जंगल वाले बाबा


https://youtu.be/5iEazKTKDWw